एक सफल बिज़नेस वुमन की अधूरी चाहत

 

एक सफल बिज़नेस वुमन की अधूरी चाहत

भाग 1: सफलता की ऊँचाइयाँ

रिया मल्होत्रा, 32 साल की एक तेज़-तर्रार और आत्मनिर्भर बिज़नेस वुमन थी। उसने अपनी मेहनत और लगन से एक मल्टीनेशनल कंपनी की CEO बनने का सपना पूरा किया। उसकी गिनती शहर की सबसे प्रभावशाली महिलाओं में होती थी। ऊँची हील्स, ब्रांडेड कपड़े और तेज़ नज़रें—रिया हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करने की ताकत रखती थी। लेकिन उसकी दुनिया में एक खालीपन था, एक ऐसा अधूरापन जिसे वह खुद भी समझ नहीं पाई थी।

भाग 2: एक रहस्यमयी मुलाकात

एक शाम, किसी बिज़नेस मीटिंग के बाद, वह एक एक्सक्लूसिव क्लब में गई। वहाँ उसकी मुलाकात कबीर से हुई—एक चार्मिंग, आत्मविश्वास से भरा और रहस्यमयी शख्स। कबीर एक इंटरनेशनल इन्वेस्टर था, जो अपनी बातों से किसी को भी मंत्रमुग्ध कर सकता था। उसकी नज़रें रिया की गहराइयों तक उतर गईं, मानो वह उसके दिल के अधूरे कोने को पढ़ सकता हो।

“आप जितनी पावरफुल लगती हैं, उतनी ही अकेली भी दिखती हैं,” कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा।
रिया को पहली बार ऐसा लगा कि कोई उसकी आत्मा को छू रहा है।

भाग 3: चाहत का खेल

रिया और कबीर के बीच मुलाकातों का सिलसिला बढ़ने लगा। बिज़नेस मीटिंग्स से लेकर डिनर डेट्स तक, दोनों के बीच नज़दीकियाँ बढ़ती गईं। कबीर ने रिया को अहसास दिलाया कि उसकी सफलता ही उसकी कमजोरी नहीं बन सकती। वह भी एक औरत थी—जिसे सिर्फ बिज़नेस नहीं, प्यार, जुनून और सच्ची चाहत की ज़रूरत थी।

एक रात, जब वे एक प्राइवेट यॉट पर थे, समुद्र की ठंडी हवाओं और चाँदनी की हल्की रौशनी में, कबीर ने रिया के करीब आकर फुसफुसाया,
“तुम्हारी आँखों में जो अधूरापन है, उसे पूरा करने का हक़ शायद मुझे भी होना चाहिए।”

रिया की साँसें तेज़ हो गईं। उसने पहली बार खुद को पूरी तरह किसी के सामने खुलता हुआ महसूस किया। वह कबीर की बाहों में समा गई, और उस रात उसने सिर्फ एक बिज़नेस वुमन नहीं, बल्कि एक औरत की तरह जीने का अहसास किया।

भाग 4: बिज़नेस और प्यार का संगम

रिया ने कबीर के साथ ना सिर्फ एक नया रिश्ता बनाया, बल्कि अपने जीवन में संतुलन लाना भी सीखा। उसने जाना कि सफलता सिर्फ पैसे और पावर से नहीं, बल्कि दिल की सुकून से भी मापी जाती है।

क्या यह रिश्ता सिर्फ एक रात की चाहत थी या किसी गहरे बंधन की शुरुआत? यह तो वक्त ही बताएगा…


### **भाग 5: रिश्ते की नई परिभाषा**  


उस रात के बाद रिया और कबीर के बीच कुछ बदल चुका था। वे अब सिर्फ बिज़नेस पार्टनर्स या दोस्त नहीं थे, बल्कि एक-दूसरे की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बन चुके थे। कबीर के साथ समय बिताकर रिया को एहसास हुआ कि उसने अपने काम में इतना समय लगाया कि वह खुद को महसूस करना ही भूल गई थी।  


लेकिन उसके अंदर एक डर भी था—क्या यह रिश्ता सिर्फ कुछ महीनों का आकर्षण था, या सच में कुछ और गहरा?  


#### **भाग 6: प्यार और करियर की टकराहट**  


एक दिन, रिया अपने ऑफिस में बैठी थी जब उसके सामने एक बड़ी चुनौती आ गई। उसे एक इंटरनेशनल प्रोजेक्ट के लिए पेरिस जाना था, जो उसके करियर के लिए बहुत बड़ा मौका था। लेकिन इसका मतलब था कि उसे कबीर से दूर जाना पड़ेगा।  


“तुम्हें क्या लगता है, मैं तुम्हें रोकूँगा?” कबीर ने मुस्कुराते हुए कहा।  

“मुझे पता है कि तुम्हारे लिए तुम्हारा काम कितना ज़रूरी है, और मुझे तुम पर गर्व है।”  


रिया ने सोचा कि कबीर की यह बात उसे सुकून देगी, लेकिन कहीं न कहीं वह चाहती थी कि कबीर उसे रोक ले। शायद वह यह सुनना चाहती थी कि कबीर उसे अपने पास रखना चाहता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


  दुरी का अहसास**  


पेरिस में बिताए महीनों के दौरान रिया ने महसूस किया कि कबीर के बिना उसकी ज़िंदगी अधूरी लगने लगी थी। वीडियो कॉल्स और मैसेज से एक-दूसरे से जुड़े रहने के बावजूद, वह उसके स्पर्श, उसकी नज़रों में बसे प्यार को मिस करने लगी।  


एक दिन, उसने कबीर से कहा,  

“क्या हमारा रिश्ता सिर्फ टाइमपास था? क्योंकि अब जब मैं यहाँ हूँ, तो तुम्हें मेरी कोई परवाह ही नहीं है।”  


कबीर ने हल्की हँसी के साथ जवाब दिया,  

“रिया, मैं तुम्हें रोक सकता था, लेकिन मैं तुम्हें बांधकर नहीं रखना चाहता। तुम्हारी आज़ादी ही तुम्हारी सबसे बड़ी खूबसूरती है। लेकिन अगर तुम मुझसे पूछो, तो मैं बस इतना कहूँगा—मुझे तुम्हारी याद आती है, और मैं तुम्हारा इंतज़ार कर रहा हूँ।”  


**: आखिरी फैसला**  


रिया समझ चुकी थी कि प्यार का मतलब किसी को रोकना नहीं होता, बल्कि उसे अपनाना होता है। जब वह पेरिस का प्रोजेक्ट पूरा करके वापस आई, तो एयरपोर्ट पर कबीर उसका इंतज़ार कर रहा था।  


रिया ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराते हुए कहा,  

“मुझे अब समझ आया कि सच्चा प्यार वही है, जो तुम्हें उड़ने की आज़ादी दे, लेकिन तुम्हारी जड़ों को भी संभाले।”  


कबीर ने उसे गले लगा लिया।  


अब रिया सिर्फ एक सक्सेसफुल बिज़नेस वुमन नहीं थी, बल्कि एक ऐसी औरत थी जिसने अपने करियर और प्यार दोनों को पूरी तरह अपना लिया था।  




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