प्रेम कहानी: दो दिलों का सफर**

 प्रेम कहानी: दो दिलों का सफर**  


एक छोटे से शहर में, अर्जुन नाम का एक गरीब परिवार का लड़का रहता था। वह कॉलेज जाता था और अपने परिवार की मदद के लिए शाम को एक दुकान पर काम करता था। एक दिन, कॉलेज में प्रिया नाम की एक नई लड़की से उसकी मुलाकात हुई। प्रिया धनी परिवार से थी, लेकिन उसके अंदर घमंड की जगह दया और समझदारी थी।  


धीरे-धीरे, अर्जुन और प्रिया दोस्त बन गए। वे कॉलेज की लाइब्रेरी में एक साथ पढ़ते, बारिश में चाय की दुकान पर बैठकर गपशप करते, और अपने सपनों के बारे में बातें करते। अर्जुन की मेहनत और ईमानदारी ने प्रिया के दिल को छू लिया, और प्रिया की कोमलता ने अर्जुन के अकेलेपन को दूर किया।  


एक होली के दिन, जब सब रंगों में डूबे हुए थे, अर्जुन ने प्रिया के हाथ में गुलाल लगाते हुए कहा, "तुम्हारी मुस्कान मेरे जीवन का सबसे सुंदर रंग है।" प्रिया ने शर्माते हुए जवाब दिया, "तो फिर यह रंग कभी न उतरने देना।" उस पल से, दोनों के दिल ने एक-दूसरे को स्वीकार कर लिया।  


लेकिन प्रेम का यह सफर आसान नहीं था। प्रिया के परिवार को जब पता चला कि उनकी बेटी एक गरीब लड़के से प्यार करती है, तो उन्होंने उसे घर से निकाल दिया। अर्जुन के पिता ने भी उसे समझाया, "बेटा, अमीरों के संसार में हमारी कहानी नहीं चलती।"  


निराशा के उस अंधेरे में, अर्जुन और प्रिया ने हार नहीं मानी। अर्जुन ने एक छोटी सी नौकरी ढूंढी, और प्रिया ने ट्यूशन पढ़ाकर पैसे कमाने शुरू किए। एक साल बाद, जब प्रिया के पिता बीमार पड़े, तो अर्जुन ने उनकी देखभाल में दिन-रात एक कर दिया। उसकी मेहनत और प्रेम ने प्रिया के परिवार का दिल पिघला दिया।  


आखिरकार, दोनों परिवारों ने उनकी शादी को स्वीकार किया। उस दिन, प्रिया ने अर्जुन से कहा, "प्यार वफ़ा का नाम है, और तुमने यबित कर दिया।" अर्जुन ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "हमारी कहानी तो अभी शुरू हुई है..."  

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